Not known Factual Statements About best hindi story

उसके अम्मी – अब्बू ने बकरी के बच्चे का सौदा सलीम से कर दिया।

As we embark over a literary odyssey, we dig into your enchanting planet of Hindi fiction textbooks, celebrating the brilliance of storytellers who've crafted tales that transcend time and space. From your eloquence of Premchand’s poignant realism to the modern-day Hindi poetry by Harivansh Rai Bachchan, Hindi literature has continuously evolved, charming readers with its capability to mirror society and articulate the complexities from the human soul.

वहां अचानक ढेर सारे हिरनी का झुंड आ गया।

बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों। कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे। दो-एक व्यक्ति पगड़ियाँ सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिखर गए थे। छोले-कुलचे वाले का रोज़गार गर्म था, और कमेटी के नल मोहन राकेश

मोरल – लक्ष्य कितना भी बड़ा हो निरंतर संघर्ष करने से अवश्य प्राप्त होता है।

रास्ते में उसे गोलू के जेब से गिरी हुई टॉफी मिल गई। रानी के भाग्य खुल गए। उसे भूख लग रही थी और खाने को टॉफी मिल गया था। रानी ने जी भर के टोपी खाया अब उसका पेट भर गया।

मोरल – एक साथ मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती दूर हो जाती है।

एक सरोवर में विशाल नाम का एक कछुआ रहा करता था। उसके पास एक मजबूत कवच था। यह कवच शत्रुओं से बचाता था। कितनी बार उसकी जान कवच के कारण बची थी।

Impression: Courtesy Amazon A novel prepared by Kashinath Singh, this Hindi fiction e book was originally posted in Hindi. Established within the spiritual and cultural hub of Varanasi, the novel supplies a vivid portrayal of the city’s multifaceted lifetime and its socio-cultural intricacies. Kashinath Singh explores the complexities of the city with the lens of its residents, capturing the essence of Varanasi’s historical traditions, spiritual methods, as well as clash between modernity and age-previous customs.

चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है। अब उसमें चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है। बोतल का मुंह छोटा था मुंह नहीं घुसता। फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ शरबत से गीली हो जाती है उसे चाट-चाट कर चूहे का पेट भर गया। अब वह गोलू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम से करने लगा।

उसके पानी से घर में साफ सफाई हुई। रसोई घर में खाना को ढकवा दिया। जिसके कारण मक्खियों को खाना नहीं मिल पाया।

इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर website उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी

यह बच्चों के लिए एक कश्मीरी लोक कथा है।

एक दिन की बात है प्रधानमंत्री स्वच्छता कार्यक्रम के लिए सभी विद्यार्थियों को सहयोग करने के लिए कह रहे थे। मुकेश को आइडिया आया उसने कूड़ेदान के पास जाकर खूब सारी पेंटिंग दीवार पर बना दी। वह पेंटिंग इतनी खूबसूरत थी कि कोई भी व्यक्ति वहां से गुजरते हुए। उस पेंटिंग की सराहना करते जाता था।

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